अध्याय 1: गुमशुदगी का पहला सुराग
राजस्थान के बैतल जिले की शांत सुबह में दीपक बामने, एक 25 वर्षीय एंबुलेंस ड्राइवर, अचानक लापता हो गया। उसकी दादी, जमुना देवी, ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को पहली बार यह मामला एक सामान्य लापता व्यक्ति का लगा।
दीपक का जीवन साधारण था। वह अपने पिता अनिल बामने और सौतेली बहन आरती के साथ रहता था। हालाँकि, परिवार में अक्सर विवाद होते रहते थे। दीपक की माँ का देहांत बचपन में हो गया था, और अनिल ने दूसरी शादी कर ली थी। नई माँ और सौतेली बहन के साथ उसके रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे।
पुलिस ने दीपक की मोबाइल लोकेशन ट्रैक की, जिससे पता चला कि वह लापता होने से पहले आखिरी बार सेंट्रल चौक के पास था। जांच ने शक की सुई अनिल और उसकी बेटी आरती की ओर मोड़ दी।
अध्याय 2: रहस्यमय अपहरण
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को यह समझ में आया कि यह मामला सिर्फ गुमशुदगी का नहीं है। एक गवाह ने बताया कि उसने अनिल, आरती और नवनीत साठे (आरती का प्रेमी) को संदिग्ध स्थिति में देखा था।
अनिल से पूछताछ की गई, लेकिन उसने किसी भी प्रकार के अपराध से इनकार किया। इसी दौरान, आरती और नवनीत गायब हो गए। जांच ने और गति पकड़ी जब पुलिस ने पाया कि अनिल ने हाल ही में बड़ी मात्रा में कर्ज लिया था, जिसे चुकाने का कोई स्रोत उसके पास नहीं था।
अध्याय 3: हत्या की साजिश
अनिल की गिरफ्तारी के बाद सच्चाई सामने आई। उसने कबूल किया कि उसने अपनी बेटी आरती और नवनीत के साथ मिलकर दीपक की हत्या की। हत्या की वजह संपत्ति का विवाद था। अनिल ने बताया कि दीपक उसके लिए एक बाधा बन चुका था, और उसे रास्ते से हटाने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
दीपक को एक सुनसान जगह पर ले जाया गया, जहां उसकी हत्या कर दी गई और शव को नर्मदा नदी में फेंक दिया गया। अनिल के बयान ने आरती और नवनीत को भी इस अपराध में मुख्य संदिग्ध बना दिया।
अध्याय 4: जमुना देवी का रहस्य
जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि जमुना देवी की जिंदगी में भी कुछ अजीब चल रहा था। उनका नाम कमल की हत्या से जुड़ा था। कमल, जमुना का बेटा, जो हमेशा अपनी मां की हरकतों पर नजर रखता था, अचानक एक रात मारा गया।
पुलिस ने जमुना से पूछताछ की, तो उसने शुरुआत में टालमटोल की। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस ने दबाव बढ़ाया, उसने कबूल किया कि कमल की हत्या में उसका प्रेमी मदन मोहन भी शामिल था।
अध्याय 5: लालच और धोखा
कमल का जमुना के साथ हमेशा झगड़ा होता रहता था। उसे शक था कि उसकी माँ और मदन मोहन के बीच गहरा रिश्ता है। वह अपनी मां को मदन से दूर रहने की चेतावनी देता था।
कमल की हत्या की रात, मदन मोहन ने जमुना के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा। उन्होंने कमल को शराब में नशा देकर कमजोर कर दिया और फिर गुस्से में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। शव को एक सुनसान जगह पर फेंक दिया गया।
अध्याय 6: पुलिस की कड़ी मेहनत
पुलिस ने कमल और दीपक की हत्याओं के बीच एक पैटर्न ढूँढने की कोशिश की। दोनों मामलों में रिश्तों में तनाव, लालच और धोखे की गहरी परतें थीं।
जांच के दौरान, पुलिस ने मदन मोहन और नवनीत साठे की कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया। दोनों मामलों के अपराधी पकड़े गए और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए गए।
अध्याय 7: रिश्तों की जटिलता
इन मामलों ने दिखाया कि रिश्तों में प्यार और ईमानदारी की कितनी जरूरत है। अनिल ने अपने बेटे को संपत्ति के लिए मार डाला। जमुना ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने बेटे का कत्ल कर दिया।
इन हत्याओं ने समाज को यह संदेश दिया कि लालच और धोखे से केवल बर्बादी ही होती है।
अध्याय 8: न्याय की जीत
अदालत ने सभी आरोपियों को कठोर सजा सुनाई। दीपक और कमल की मौत ने उनके परिवार और समाज को झकझोर कर रख दिया। ये घटनाएँ एक चेतावनी हैं कि रिश्तों में पारदर्शिता और सच्चाई का कोई विकल्प नहीं है।